दीवारों में दरारें क्यों पड़ती हैं? 7 आम कारण और 10 आसान घरेलू समाधान

क्या आपकी दीवारों में दरारें पड़ गई हैं? यह समस्या देखने में खराब लगती है। यह आपके घर की संरचना को भी कमजोर कर सकती है।

दीवारों में दरारें पड़ने के कई कारण हो सकते हैं। इसमें निर्माण संबंधी त्रुटियाँ, मिट्टी का जमाव, और प्राकृतिक आपदाएं शामिल हैं। इन दरारों को अनदेखा करना आपके लिए महंगा पड़ सकता है।

इस लेख में, हम दीवारों में दरारें पड़ने के 7 आम कारणों पर चर्चा करेंगे। हम इन्हें ठीक करने के 10 आसान घरेलू समाधान भी बताएंगे। यह जानकारी आपके घर की मरम्मत करने में मदद करेगी।

दीवारों में दरारें: एक सामान्य घरेलू समस्या

दीवारों में दरारें पड़ना एक आम समस्या है। इसके कई कारण और समाधान हो सकते हैं। यह समस्या दीवारों को खराब दिखाती है और कभी-कभी गंभीर समस्याओं का संकेत भी देती है।

दीवारों में दरारें कई प्रकार की हो सकती हैं। उनका सही तरीके से पता लगाना बहुत जरूरी है।

दरारों के विभिन्न प्रकार

दरारें दो प्रकार की होती हैं: ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज। ऊर्ध्वाधर दरारें कम गंभीर होती हैं और प्लास्टर में आती हैं। लेकिन, क्षैतिज दरारें अधिक गंभीर हो सकती हैं और दीवार की संरचना को दर्शाती हैं।

दरारों से जुड़े संभावित खतरे

दीवारों में दरारें कई खतरे पैदा कर सकती हैं। ये दीवारों को सुंदर नहीं बनाती हैं और कभी-कभी गंभीर समस्याओं का संकेत देती हैं। यहाँ कुछ खतरे दिए गए हैं:

  • दीवारों का ढहना
  • नींव की समस्याएं
  • पानी का रिसाव और नमी

नीचे दी गई तालिका में दरारों के प्रकार और उनके खतरों का विवरण है:

दरार का प्रकार संभावित खतरा
ऊर्ध्वाधर दरारें कम गंभीर, प्लास्टर की समस्या
क्षैतिज दरारें अधिक गंभीर, संरचनात्मक समस्या
तिरछी दरारें नींव या दीवार की गंभीर समस्या

दीवारों में दरारें पड़ने के 7 आम कारण

दीवारों में दरारें पड़ने के कई कारण हो सकते हैं। इन्हें समझना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे आप अपनी दीवारों की दरारें ठीक कर सकते हैं और भविष्य में समस्याएं रोक सकते हैं।

1. नींव का बैठना या हिलना

नींव का बैठना या हिलना दीवारों में दरारें पड़ने का एक बड़ा कारण है। जब नींव ठीक से नहीं बैठती या हिलती है, तो दीवारों पर दबाव पड़ता है। इससे दरारें पड़ सकती हैं।

2. मौसम और तापमान में बदलाव

मौसम और तापमान में बदलाव भी दीवारों में दरारें पैदा कर सकता है। तापमान में बदलाव से निर्माण सामग्री फैलती और सिकुड़ती है। इससे दरारें पड़ सकती हैं।

3. नमी और पानी का रिसाव

नमी और पानी का रिसाव दीवारों को नुकसान पहुंचा सकता है। जब पानी दीवारों में घुसता है, तो सामग्री कमजोर होती है। इससे दरारें पड़ सकती हैं।

4. निर्माण सामग्री की खराब गुणवत्ता

निर्माण सामग्री की खराब गुणवत्ता भी एक महत्वपूर्ण कारण है। यदि सामग्री अच्छी गुणवत्ता की नहीं है, तो दीवारें कमजोर हो सकती हैं। इससे दरारें पड़ सकती हैं।

5. भवन की अधिक उम्र

भवन की अधिक उम्र भी दीवारों में दरारें पैदा कर सकती है। पुराने भवनों में सामग्री टूटना और कमजोर होना आम है। इससे दरारें पड़ सकती हैं।

6. भूकंप या भूमि का हिलना

भूकंप या भूमि का हिलना भी दीवारों में दरारें पैदा कर सकता है। जब भूमि हिलती है, तो भवन की संरचना पर प्रभाव पड़ता है। इससे दरारें पड़ सकती हैं।

7. अनुचित निर्माण तकनीक

अनुचित निर्माण तकनीक भी दीवारों में दरारें पैदा कर सकती है। यदि निर्माण कार्य सही तरीके से नहीं किया गया है, तो दीवारें कमजोर हो सकती हैं। इससे दरारें पड़ सकती हैं।

इन 7 आम कारणों को समझकर, आप अपनी दीवारों की दरारें ठीक कर सकते हैं। आप भविष्य में समस्याएं रोक सकते हैं।

दरारों की गंभीरता का आकलन कैसे करें

दरारों की गंभीरता का पता लगाना बहुत जरूरी है। यह आपके घर की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। दीवारों में दरारें आम हैं, लेकिन सही पता लगाना जरूरी है।

यह तय करने के लिए कि आपको विशेषज्ञ की मदद चाहिए या नहीं, आपको दरारों का आकलन करना होगा।

हानिरहित बनाम गंभीर दरारें पहचानने के तरीके

हानिरहित और गंभीर दरारें पहचानने के लिए, आपको दरारों की दिशा, आकार, और गहराई देखनी होगी। हानिरहित दरारें पतली और छोटी होती हैं।

गंभीर दरारें चौड़ी और गहरी होती हैं।

गंभीर दरारों की विशेषताएं:

  • चौड़ाई में वृद्धि
  • दीवार के आर-पार जाना
  • अन्य संरचनात्मक समस्याओं के साथ जुड़ाव

दरारों के पैटर्न का महत्व

दरारों के पैटर्न का विश्लेषण करना भी महत्वपूर्ण है। विभिन्न पैटर्न विभिन्न समस्याओं का संकेत देते हैं।

उदाहरण के लिए, ऊर्ध्वाधर दरारें कम गंभीर होती हैं। लेकिन, क्षैतिज दरारें अधिक खतरनाक हो सकती हैं।

कब विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए

यदि दरारें गंभीर या तेजी से बढ़ रही हैं, तो विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। विशेषज्ञ आपकी दीवारों की स्थिति का सही आकलन कर सकता है।

वे उचित मरम्मत के सुझाव भी दे सकते हैं।

दीवारों की दरारों को ठीक करने के लिए आवश्यक सामग्री और उपकरण

दीवारों की दरारों को ठीक करने के लिए सही सामग्री और उपकरण चुनना बहुत जरूरी है। हमें विभिन्न प्रकार की सामग्री और उपकरणों की जरूरत होती है। इससे दीवारों को मजबूत और दरारों को भरने में मदद मिलती है।

बुनियादी उपकरण की सूची

दीवारों की दरारों को ठीक करने के लिए कुछ बुनियादी उपकरणों की जरूरत होती है। इनमें शामिल हैं:

  • पुट्टी चाकू
  • स्क्रू ड्राइवर
  • हथौड़ा
  • छोटा सा ब्रश
  • रबर ग्लोव्स

विभिन्न प्रकार के भरने वाले पदार्थ

दरारों को भरने के लिए कई प्रकार के पदार्थों का उपयोग किया जाता है। इनमें शामिल हैं:

पदार्थ का नाम उपयोग
प्लास्टर ऑफ पेरिस छोटी दरारें भरने के लिए
सीमेंट मिश्रण बड़ी और गहरी दरारें भरने के लिए
एक्रेलिक कॉकिंग लचीलापन प्रदान करने के लिए

सुरक्षा उपकरण और सावधानियां

दरारों की मरम्मत करते समय सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करना जरूरी है। इनमें शामिल हैं:

  • सुरक्षा चश्मे
  • धूल मास्क
  • रबर ग्लोव्स

छोटी दरारों के लिए 5 आसान घरेलू समाधान

घर की दीवारों में छोटी दरारें आना आम बात है। कई घरेलू समाधान हैं जो इन दरारों को ठीक कर सकते हैं। समय पर इन्हें ठीक करना जरूरी है ताकि वे बड़ी समस्या न बनें। यहाँ 5 आसान समाधान दिए गए हैं जो दीवारों को फिर से मजबूत और सुंदर बना सकते हैं।

प्लास्टर ऑफ पेरिस से भराई – चरण-दर-चरण प्रक्रिया

प्लास्टर ऑफ पेरिस दीवारों की दरारें भरने के लिए एक अच्छा विकल्प है। इसे लगाने से पहले दरार को साफ करना जरूरी है।

  • दरार को गहराई से साफ करें और उसमें धूल-मिट्टी न हो इसका ध्यान रखें।
  • प्लास्टर ऑफ पेरिस को पानी में मिलाकर गाढ़ा घोल बनाएं।
  • इस घोल को दरार में भरें और सतह को समतल करें।
  • इसे सूखने दें और फिर अतिरिक्त भाग को रेत से घिसकर साफ करें।

वॉल पुट्टी का उपयोग – विधि और सावधानियां

वॉल पुट्टी दीवारों की दरारें भरने में मदद करता है।

  1. दरार को अच्छी तरह साफ करें।
  2. वॉल पुट्टी को दरार में भरें और अच्छी तरह फैलाएं।
  3. इसे सूखने दें और फिर इसे रेत से घिसकर समतल करें।

सीमेंट मिश्रण से मरम्मत – सही अनुपात और तकनीक

सीमेंट मिश्रण दीवारों की दरारों के लिए एक मजबूत समाधान है।

सीमेंट और रेत को सही अनुपात में मिलाकर एक मजबूत मिश्रण तैयार करें। इस मिश्रण को दरार में भरें और अच्छी तरह दबाएं।

एक्रेलिक कॉकिंग का प्रयोग – उपयुक्त स्थिति और तरीका

एक्रेलिक कॉकिंग विशेष रूप से हिलती दरारों के लिए उपयुक्त है।

  • दरार को साफ करें और उसमें एक्रेलिक कॉकिंग भरें।
  • सतह को समतल करें और अतिरिक्त भाग को साफ करें।

व्हाइट सीमेंट से दरारें भरना – प्रभावी विधि

व्हाइट सीमेंट एक अच्छा विकल्प है। यह दरारों को भरते हुए दीवार को भी नया रंग देता है।

विधि सामग्री लाभ
प्लास्टर ऑफ पेरिस प्लास्टर ऑफ पेरिस, पानी आसान और त्वरित
वॉल पुट्टी वॉल पुट्टी सुगम और आकर्षक फिनिश
सीमेंट मिश्रण सीमेंट, रेत, पानी मजबूत और स्थायी

बड़ी और गहरी दरारों के लिए5 प्रभावी घरेलू उपाय

अगर आपकी दीवारों में बड़ी और गहरी दरारें आ गई हैं, तो इन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। ये दरारें दीवार की मजबूती को कमजोर कर सकती हैं और घर की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं। इन दरारों को ठीक करने के लिए कुछ प्रभावी घरेलू उपाय हैं। आप इन्हें आसानी से अपना सकते हैं।

1. फाइबर मेश का उपयोग – विस्तृत प्रक्रिया

फाइबर मेश एक मजबूत और लचीला पदार्थ है। यह दरारों को भरने और दीवार को मजबूती देने में मदद करता है। इसे लगाने के लिए सबसे पहले दरार को साफ करें। फिर फाइबर मेश को दरार पर चिपकाएं और इसे एक उपयुक्त चिपकने वाले पदार्थ से सुरक्षित करें।

  • दरार को साफ करें और उसमें मौजूद धूल-मिट्टी निकालें।
  • फाइबर मेश को दरार के आकार में काटें।
  • फाइबर मेश को दरार पर चिपकाएं और इसे अच्छी तरह दबाएं।

2. एक्सपेंशन जॉइंट्स का निर्माण – आवश्यक कदम

एक्सपेंशन जॉइंट्स दरारों को रोकने और दीवार को विस्तार और संकुचन के लिए जगह देने में मदद करते हैं। इसके लिए आपको विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए और सही सामग्री का चयन करना चाहिए।

  1. दरार के दोनों ओर सीमेंट और रेत का मिश्रण लगाएं।
  2. एक्सपेंशन जॉइंट्स के लिए उपयुक्त सामग्री का चयन करें।
  3. जॉइंट्स को सही तरीके से स्थापित करें ताकि वे दीवार के साथ मजबूती से जुड़ सकें।

3. इंजेक्शन ग्राउटिंग तकनीक – घर पर कैसे करें

इंजेक्शन ग्राउटिंग तकनीक में दरार में सीमेंट या एपॉक्सी आधारित ग्राउट को इंजेक्ट करना शामिल है। यह दरार को भरने और दीवार को मजबूती देने में मदद करता है।

  • दरार को साफ करें और उसमें ग्राउटिंग के लिए उपयुक्त सामग्री तैयार करें।
  • ग्राउट को दरार में इंजेक्ट करें और इसे अच्छी तरह भरें।
  • ग्राउट को सूखने दें और अतिरिक्त ग्राउट को साफ करें।

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4. कंक्रीट बॉन्डिंग एजेंट का प्रयोग – सही विधि

कंक्रीट बॉन्डिंग एजेंट दीवार की सतह पर लगाया जाता है। यह नई और पुरानी सतह के बीच मजबूत बंधन बनाने में मदद करता है।

  • दीवार की सतह को साफ करें और उसमें मौजूद धूल-मिट्टी निकालें।
  • कंक्रीट बॉन्डिंग एजेंट को सतह पर लगाएं।
  • नई परत को लगाएं और इसे अच्छी तरह दबाएं।

5. एपॉक्सी रेजिन से मरम्मत – सुरक्षित उपयोग

एपॉक्सी रेजिन एक मजबूत और टिकाऊ पदार्थ है। यह दरारों को भरने में मदद करता है। इसका उपयोग करने के लिए आपको सुरक्षा सावधानियां बरतनी चाहिए।

  1. एपॉक्सी रेजिन को सही अनुपात में मिलाएं।
  2. इस मिश्रण को दरार में भरें और इसे अच्छी तरह दबाएं।
  3. एपॉक्सी रेजिन को सूखने दें और अतिरिक्त भाग को साफ करें।

इन5 प्रभावी घरेलू उपायों का उपयोग करके आप अपनी दीवारों की बड़ी और गहरी दरारों को आसानी से ठीक कर सकते हैं। इन तरीकों को अपनाकर आप न केवल अपनी दीवारों की सुंदरता को बहाल कर सकते हैं, बल्कि उनकी मजबूती और सुरक्षा भी सुनिश्चित कर सकते हैं।

दीवारों में दरारों को रोकने के प्रभावी उपाय

दीवारों में दरारें पड़ना आम है। लेकिन, कुछ उपायों से हम इसे रोक सकते हैं। नियमित रखरखाव, नमी नियंत्रण, और नींव को मजबूत करना जरूरी है।

नियमित रखरखाव की आदतें और चेकलिस्ट

नियमित रखरखाव दीवारों की दरारों को रोकता है। एक चेकलिस्ट बनाना मददगार हो सकता है। इसमें निम्नलिखित बातें शामिल हों:

  • दीवारों का नियमित निरीक्षण
  • पेंट और कोटिंग की जांच और मरम्मत
  • नमी और पानी के रिसाव की जांच
  • भवन की नींव की स्थिति की निगरानी

नमी नियंत्रण के प्रभावी तरीके

नमी दीवारों में दरारें पड़ने का एक प्रमुख कारण है। नमी नियंत्रण के लिए:

  • वॉटरप्रूफिंग का उपयोग करें
  • नालियों और छत की नियमित सफाई करें
  • दीवारों में नमी को सोखने वाले पदार्थों का उपयोग करें

भवन की नींव को मजबूत करने के उपाय

भवन की नींव मजबूत होना दीवारों की दरारों को रोकने के लिए आवश्यक है। इसके लिए:

  • नींव की नियमित जांच करें
  • आवश्यकतानुसार नींव को मजबूत करने के लिए इंजीनियरिंग उपाय अपनाएं
  • भवन के आसपास की मिट्टी की स्थिति पर नजर रखें

मौसमी बदलावों से बचाव के तरीके

मौसमी बदलाव भी दीवारों में दरारें पड़ने का एक कारण हो सकते हैं। इससे बचाव के लिए:

  • भवन को मौसम के अनुसार ढालने के लिए आवश्यक कदम उठाएं
  • दीवारों को उचित तरीके से इन्सुलेट करें
  • मौसम के अनुसार रखरखाव की योजना बनाएं

इन उपायों को अपनाकर, दीवारों में दरारें पड़ने की समस्या को कम किया जा सकता है। नियमित रखरखाव और सावधानी बरतना दीवारों की दरारों को रोकने में महत्वपूर्ण है।

कब पेशेवर मदद लेनी चाहिए

कई बार दीवारों में दरारें इतनी गंभीर हो जाती हैं कि हमें विशेषज्ञ की मदद लेनी पड़ती है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि कब घरेलू उपाय पर्याप्त नहीं होते और कब पेशेवर हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है।

गंभीर संरचनात्मक समस्याओं के संकेत

दीवारों में दरारें जो लगातार बढ़ रही हों, दीवार का टेढ़ापन, या फर्श का असमान होना गंभीर संरचनात्मक समस्याओं के संकेत हो सकते हैं।

विशेषज्ञ का चयन कैसे करें

विशेषज्ञ का चयन करते समय, उनकी अनुभव और योग्यता पर ध्यान दें। सिविल इंजीनियर या संरचनात्मक विशेषज्ञ से परामर्श करना उचित होगा।

पेशेवर मरम्मत की अनुमानित लागत

मरम्मत का प्रकार अनुमानित लागत
छोटी दरारें भरना ₹500 – ₹2000
बड़ी दरारें और संरचनात्मक मरम्मत ₹5000 – ₹50,000+

विशेषज्ञ से पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न

  • आपकी विशेषज्ञता और अनुभव क्या है?
  • मरम्मत की अनुमानित लागत और समय क्या होगा?
  • आपकी दी गई गारंटी और वारंटी क्या हैं?

दीवारों की दरारों से जुड़े मिथक और वास्तविकता

दीवारों में दरारें पड़ना आम बात है। लेकिन, इसके पीछे कई मिथक और सच्चाईें हैं। लोग अक्सर इन दरारों के बारे में गलत धारणाएं बनाते हैं।

सामान्य गलतफहमियां और उनका खंडन

दीवारों में दरारों के बारे कई मिथक हैं। आइए कुछ आम गलतफहमियों को देखें और उन्हें गलत साबित करें:

  • मिथक 1: दरारें हमेशा घर की नींव की समस्या का संकेत देती हैं। वास्तविकता: नहीं, दरारें अन्य कारणों से भी हो सकती हैं, जैसे तापमान में बदलाव या खराब गुणवत्ता वाली सामग्री।
  • मिथक 2: सभी दरारें गंभीर होती हैं। वास्तविकता: नहीं, कुछ दरारें हानिरहित हो सकती हैं और आसानी से ठीक की जा सकती हैं।
  • मिथक 3: दरारें भरने से समस्या हमेशा के लिए हल हो जाती है। वास्तविकता: नहीं, अगर मूल कारण का समाधान नहीं किया जाता है, तो दरारें फिर से आ सकती हैं।

वैज्ञानिक तथ्य और अनुसंधान

वैज्ञानिक अनुसंधान से पता चलता है कि दीवारों में दरारें कई कारणों से हो सकती हैं। भवन निर्माण तकनीक, मौसम और तापमान में बदलाव, और नमी का प्रभाव प्रमुख कारण हैं।

अनुसंधान से पता चलता है कि उचित निर्माण तकनीक और नियमित रखरखाव से दरारों को रोका जा सकता है।

भारतीय घरों में दरारों की विशिष्ट समस्याएं

भारतीय घरों में दरारें कई विशिष्ट कारणों से होती हैं। मानसून के दौरान नमी का अधिक प्रभाव, भूकंप और भूमि हिलने की घटनाएं, और पुराने भवनों की जर्जर स्थिति मुख्य कारण हैं।

इन समस्याओं का समाधान करने के लिए विशेषज्ञों की सलाह और उचित निर्माण तकनीक का उपयोग करना जरूरी है।

निष्कर्ष

दीवारों में दरारें कई घरों में आम समस्या है। इस लेख में, हमने दरारें पड़ने के कारणों और घरेलू समाधानों पर चर्चा की।

हमने दरारों की गंभीरता का आकलन किया और आवश्यक सामग्री के बारे में जानकारी दी।

दीवारों की दरारें ठीक करना घर की सुंदरता बढ़ाता है। यह संरचनात्मक सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। नियमित रखरखाव और मरम्मत से बड़ी समस्याएं बचाई जा सकती हैं।

हमें उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। आप अपनी दीवारों की दरारें प्रभावी ढंग से ठीक कर पाएंगे। अगर समस्या गंभीर है, तो पेशेवर मदद लेना एक अच्छा विकल्प है।

FAQ

दीवारों में दरारें पड़ने के मुख्य कारण क्या हैं?

दीवारों में दरारें कई कारणों से हो सकती हैं। इसमें नींव का खराब होना और मौसम के बदलाव शामिल हैं। नमी और पानी का रिसाव भी एक कारण है।निर्माण सामग्री की खराब गुणवत्ता और भवन की उम्र भी कारण हो सकती हैं। भूकंप और गलत निर्माण तकनीक भी दीवारों में दरारें पैदा कर सकती हैं।

मैं अपनी दीवारों की दरारों को कैसे ठीक कर सकता हूँ?

दीवारों की दरारें घरेलू तरीकों से ठीक की जा सकती हैं। प्लास्टर ऑफ पेरिस और वॉल पुट्टी का उपयोग किया जा सकता है।सीमेंट मिश्रण, एक्रेलिक कॉकिंग, और व्हाइट सीमेंट भी काम करते हैं। बड़ी दरारों के लिए, फाइबर मेश और एक्सपेंशन जॉइंट्स का उपयोग किया जा सकता है।इंजेक्शन ग्राउटिंग तकनीक और कंक्रीट बॉन्डिंग एजेंट भी प्रभावी हैं। एपॉक्सी रेजिन भी एक अच्छा विकल्प है।

दरारों की गंभीरता का आकलन कैसे करें?

दरारों की गंभीरता का पता लगाने के लिए, हानिरहित और गंभीर दरारों को पहचानना जरूरी है। दरारों के पैटर्न का महत्व भी समझना चाहिए।यह भी जानना महत्वपूर्ण है कि कब विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।

दीवारों में दरारें पड़ने से कैसे बचें?

दीवारों में दरारें पड़ने से बचने के लिए, नियमित रखरखाव महत्वपूर्ण है। नमी नियंत्रण के प्रभावी तरीके अपनाने चाहिए।भवन की नींव को मजबूत करने के उपाय करने चाहिए। मौसमी बदलावों से बचाव के तरीके भी अपनाने चाहिए।

कब पेशेवर मदद लेनी चाहिए?

जब दरारें गंभीर हों और घरेलू समाधान से ठीक न हों, तो पेशेवर मदद लेनी चाहिए। गंभीर समस्याओं के संकेतों को पहचानना महत्वपूर्ण है।विशेषज्ञ का चयन करना और पेशेवर मरम्मत की लागत को समझना भी जरूरी है।

दीवारों की दरारों के बारे में आम मिथक क्या हैं?

दीवारों की दरारों के बारे में कई मिथक हैं। इनमें से कुछ का खंडन करना और वैज्ञानिक तथ्यों पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है।

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